लेखनी प्रतियोगिता -31-May-2023
एक रुपया रुपया में दुनिया फिदा है
वक्त वक्त में बदले शख्स फिर, देखो और जाना तो रुपया बड़ा है।
रिश्ते को देखो तराजू से न तौले,
अमीरी जहां है बाट वहां है।
रिश्तों की कड़वाहट में,
मिठास खोलने की वजह ,
बस रुपया बना है।
एक रुपया रुपया में दुनिया फिदा है
खुशियों से परे बस रुपयों में ही जीते,
सिर दर्द यही की कोई घर जेवर न लूटे,
चार महल है ,फिर भी न सुख कोई लहर है,
गरीबों की खुशियां मेरे मुख में नहीं ,
रुपया बहुत है अकड़ भी गजब है।
एक रुपया रुपया में दुनिया फिदा है
खुदा को भी भूले रुपया बहुत है,
आई विपदा तो दर दर घूमे,
सबक जा मिला मौत करीब आने
लगी जब,
रखा यही सब हम माटी की पुतले,
रुपया रुपया न कर जमाना
रखा सब यही बस है ही दिखावा,
फिर भी ये दुनिया गाती है एक गाना
एक रुपया रुपया में दुनिया फिदा है।।
Punam verma
01-Jun-2023 11:47 PM
Very nice
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madhura
31-May-2023 04:01 PM
nice
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Babita patel
31-May-2023 02:45 PM
very nice
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